What Is Self Help Group SHG : इस लेख में हम जानेंगे विशेष रूप से गांवों में रहने वाली महिलाओं के लिए, जो सरकारी या गैर-सरकारी संस्थाओं से जुड़ी नहीं हैं और सामान्य जीवन जीती हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप भारत में बहुत समय से चल रहा है, इसे उन्नीस सदी के दशक से लागू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य था समाज के सबसे निचले स्तर से लोगों को मजबूत करना, जिससे उनका समाज में भागीदारी बढ़े।
हालांकि, अनेक बार सरकारी और गैर-सरकारी अधिकारियों की वजह से इसका प्रचार और विस्तार नहीं हो पाया, क्योंकि वे ग्रामीण इलाकों तक सही जानकारी पहुंचाने में असफल रहे।
इसके बावजूद, पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय राज्यों में इसका अच्छा प्रचार किया गया है। जैसे मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में इसे व्यापक रूप से लागू किया गया है।
अब, इस समूह में शामिल होने के लिए दो मुख्य योग्यताएँ होनी चाहिए पहली, आपको किसी गांव से जुड़ा होना चाहिए और दूसरी, आपका आय लाखों रुपये से कम होना चाहिए।
Table of Contents
what is self help group (SHG)
कितने लोगों के लिए इस समूह को बनाएंगे, इसका कैसे और इसका संपर्क कहां करना होगा, यह सब समझने के लिए सबसे पहले दोस्तों, आपको अपने गाँव में एक समूह बनाने के लिए आवेदन करना होगा। कम से कम 8 लोग होने चाहिए, और अधिकतम 20 से 25 लोग एक समूह में शामिल हो सकते हैं। जब आपके पास इस समूह के लिए कम से कम 8 से 10 महिलाएँ हो जाएंगी, उनकी योग्यता के बारे में बात करें। यदि उनमें से कम से कम दो से तीन महिलाएँ हैं जो सिग्नेचर कर सकती हैं और थोड़ा पढ़-लिख सकती हैं, तो यह बहुत उपयुक्त होगा।
इस समूह में तीन महिलाओं के मुख्य कार्य होते हैं – अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, और रजिस्टर वगैरह की मेंटेनेंस करने वाला। इस समूह को सीधे इकोनॉमिक उन्मुख बनाया गया है और बैंकिंग सेक्टर से इसका संबंध है। इसे ‘माइक्रोफाइनेंस समूह’ के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें लोन लेने और उसका पैसा वितरित करने के काम किए जाते हैं।
इसलिए, कम से कम तीन महिलाओं का थोड़ा पढ़ा लिखा होना बहुत जरूरी है। यहाँ ज्यादा योग्यता नहीं चाहिए, लेकिन सिग्नेचर्स और रजिस्टर की जानकारी होनी चाहिए।
कैसे बनाये ?
इस समूह को गांव में बनाने के लिए आपको गाँव पंचायत से संपर्क करना होगा। जब आपका समूह तैयार हो जाएगा, तो इसे गाँव के कार्यालय में लिस्ट करवाएं। यानी कि यह सब ऑनलाइन डेटा होगा। किसी भी समूह को आप नाम रख सकते हैं, कोई अन्य नाम। नाम रखने के बाद आपको आधार कार्ड और फोटो, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज़ लेकर ब्लॉक कार्यालय में संपर्क करना होगा। वहां आपका समूह लिस्ट किया जाएगा और आपको मिलने वाली सभी सुविधाएँ शुरू होंगी।
शुरुआत में, आपको समूह बनाने पर 15 हजार रुपये का लाभ मिलेगा। अभी हाल ही में भारत सरकार ने घोषणा की है कि समूह को 10 लाख रुपये तक का बिना किसी सबूत के लोन दिया जा सकता है।
इसलिए, सबसे पहले आपको आठ महिलाओं का एक समूह बनाना होगा और उसके बाद ब्लॉक कार्यालय से संपर्क करना होगा। यह ध्यान में रखें कि आपको अपने व्यवसाय की रूपरेखा तैयार करनी होगी, और उसे ब्लॉक में सबमिट करना होगा। अगर समूह को अप्रूव कर दिया जाता है, तो सभी महिलाओं के खाते खोले जाएंगे।
इस समूही रूप से सभी महिलाएं अपने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से यह लोन प्राप्त कर सकती हैं, जिसके माध्यम से उनको किसी भी प्रॉपर्टी या अन्य प्रूफ की आवश्यकता नहीं होगी। पैसा जो समूह के माध्यम से बैंक देगी, वह समूह के आधार पर होगा। इसके बाद, आप इस पैसे को अपने किसी छोटे व्यवसाय में लगा सकती हैं।
महिलाएं पैसे लेती हैं और अपने व्यवसाय को बढ़ाती हैं। इससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है और उनकी सामाजिक अवस्था भी सुधरती है। यह लोन बैंक बहुत कम ब्याज दर पर प्रदान करता है, जो महिलाओं के लिए बहुत ही उपयुक्त है। इस तरह, महिलाएं अपनी आर्थिक जिम्मेदारी को सही तरीके से संभाल सकती हैं।
इस तरह, उनका उत्तरदायित्व साफ हो जाता है और वे अपने पैसे का सही इस्तेमाल कर सकती हैं। इसलिए, यह एक सुविधाजनक और संवेदनशील विकल्प है जो महिलाओं के लिए समृद्धि और स्वावलंबन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इसलिए इसे ‘माइक्रोफाइनेंस समूह’ कहा जाता है।
कोण लाभ ले सकता है ?
2 लाख रुपये से ऊपर की आय वाली महिलाएं या ऐसे लोग जिनकी पारिवारिक आय दो लाख से अधिक है, उन्हें आवेदन नहीं करना चाहिए। क्योंकि जाँच के दौरान इसे रद्द कर दिया जा सकता है।
भारत सरकार ने 1 लाख पदों की भर्ती की घोषणा की है, लेकिन अभी तक लगभग 58,020 सखी बनाई गई हैं। यह इसी समूह की महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए की गई है। वर्तमान में 22,640 सहायक के पद भी निकाले गए हैं, जिन्हें अगर आप गांव में सेल्फ हेल्प ग्रुप वाले लोगों के लिए अच्छा मानते हैं, तो आप इसमें आवेदन कर सकते हैं।
समूह की पात्रता
- एक घर से एक ही दीदी जुड़ सकती है।
- एक समूह में 10 से 15 मेंबर हो सकते हैं।
- सभी सदस्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े होने चाहिए।
- सभी सदस्य एक ही गांव की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- उम्र 18 से 60 वर्ष के दरम्यान होनी चाहिए।
- अनपढ़ और पढ़ी लिखी दोनों महिलाएं जुड़ सकती हैं।
- केवल शादीशुदा महिलाएं जुड़ सकती हैं।
समूह का नामकरण और पदाधिकारी का चयन
- समूह का नाम रखें और मोहर बनवाएं।
- तीन पदाधिकारी का चयन करें: अध्यक्ष, सचिव, और कोषाध्यक्ष।
- पदाधिकारी का चयन समूह के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से किया जाएगा।
स्वयं सहायता समूह में जुड़ने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- सभी सदस्यों का आधार कार्ड की फोटोकॉपी (दो-दो कॉपी)
- दो-दो फोटो
- मोबाइल नंबर.
- आधार कार्ड पर सभी सदस्यों के हस्ताक्षर.
समूह का खाता खुलवाने की प्रक्रिया
- सभी दस्तावेज़ इकट्ठा करें और ब्लॉक पर जाकर ब्लॉक मिशन मैनेजर से वेरिफिकेशन करवाएं।
- बैंक में जाकर खाता खुलवाएं। बैंक सखी के माध्यम से यह कार्य किया जा सकता है।
समूह की नियमितता और संचालन
- समूह की बैठक, बचत, और लेखा-जोखा नियमित रखें।
- समूह का रिकॉर्ड सही रखें ताकि आगे चलकर समूह को लाभ मिल सके।
निष्कर्ष
स्वयं सहायता समूह (SHG) में जुड़ना और उसका गठन एक महत्वपूर्ण और फायदेमंद प्रक्रिया है, जो महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाती है। इसके लिए आपको अपने पंचायत में समूह की जानकारी प्राप्त करनी होगी और ब्लॉक मिशन मैनेजर से संपर्क करना होगा। आवश्यक दस्तावेज और नियमों का पालन करके आप आसानी से समूह में जुड़ सकती हैं या नया समूह बना सकती हैं। समूह के नियमों का पालन करने से आपका समूह सफलतापूर्वक कार्य करेगा और आप इससे अनेक लाभ प्राप्त कर सकेंगी। आशा है कि यह जानकारी आपके लिए सहायक होगी और आपको स्वयं सहायता समूह में जुड़ने में मदद मिलेगी।
READ MORE